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बस्ती का मौसम || मानसून की हुई विदाई || अब बादलों की बारी || अगले कुछ दिन तापमान में लगा रहेगा उतार चढ़ाव || जानें कैसा रहेगा बस्ती का मौसम

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बस्ती का मौसम || मानसून की हुई विदाई || अब बादलों की बारी || अगले कुछ दिन तापमान में लगा रहेगा उतार चढ़ाव || जानें कैसा रहेगा बस्ती का मौसम

Basti News || Up Ka Mausam || Up Weather Update || Purvanchal Weather Update || UP Rain weather IMD forecast || उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले समेत पूर्वांचल से मानसून की विदाई लगभग हो चुकी है। वहीं, अब बारिश की संभावना भी दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। आसमान में धूप खिलने की वजह से उमस भरी गर्मी का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। सुबह और शाम के समय थोड़ी बहुत राहत मिल रही है। लेकिन दोपहर के समय धूप इतनी तेज हो रही है कि चंद मिनट भी बाहर खड़े रह पाना मुश्किल हो रहा है। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का मौसम कमोबेश अभी एक सप्ताह से लेकर डेढ़ सप्ताह तक इसी तरह रहने वाला है। हालांकि मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि बृहस्पतिवार तक आसमान में बादलों की थोड़ी बहुत आवाजाही बनी रहेगी, लेकिन बूंदाबादी के आसार बिल्कुल भी नहीं हैं।

तापमान में लगा रहेगा उतार चढ़ाव

अगले एक सप्ताह तक बस्ती जिले में तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। अनुमान यह है कि औसत रूप से अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। तो वहीं, न्यूनतम तापमान 21 से 23 डिग्री के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में दिन के समय गर्मी तो महसूस होगी। लेकिन शाम ढलने के बाद तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने से रात में गर्मी से थोड़ी बहुत राहत मिलेगी। वहीं सुबह के समय मौसम खुशनुमा रहेगा। यही वजह रहेगी कि इन दिनों सुबह के समय ओस पड़ने लगेगी और इधर दो-तीन दिनों से थोड़ी बहुत ओस पड़ भी रही है। ऐसे में मौसम का मिजाज कुछ इसी तरह का रहने वाला है।

धान की फसल की देखभाल जरूरी

उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश सामान्य कही जा सकती है। ऐसी स्थिति में धान की फसल भी बेहतर स्थिति में देखने को मिल रही है। इस समय धान के कल्ले फूटने लगे हैं और तमाम जगहों पर निचले इलाकों में खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। ऐसी स्थिति में इस समय धान की फसल की देखभाल बेहद जरूरी है। क्योंकि इस समय धान की फसल में कीटों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही रहने की आशंका रहती है। ऐसे समय में किसानों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत रहती है। अगर धान की फसल में किसी तरह के रोग लगने की संभावना दिख रही हो तो तुरंत कृषि विभाग से संपर्क कर संबंधित रोग या कीट के उपचार के लिए आवश्यक कदम उठाएं। ऐसा न करने पर धान की पैदावार प्रभावित हो सकती है।

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