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Gorakhpur News || पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक के रूप में विनोद कुमार शुक्ल ने कार्यभार संभाला

Gorakhpur News || पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक के रूप में विनोद कुमार शुक्ल ने कार्यभार संभाला

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Gorakhpur News || पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक के रूप में विनोद कुमार शुक्ल ने कार्यभार संभाला

Gorkhapur News || विनोद कुमार शुक्ल ने पूर्वोत्तर रेलवे के अपर महाप्रबन्धक का कार्यभार 21 अगस्त 2025 को ग्रहण कर लिया। इसके पूर्व वह बनारस रेल इंजन कारखाना (बीएलडब्ल्यू) वाराणसी में प्रमुख मुख्य इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे।

विनोद कुमार शुक्ल ने मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज (एमएनआईटी) इलाहाबाद से वर्ष 1989 में सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) नई दिल्ली से वर्ष 1991 में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। श्री शुक्ल ने भारतीय रेल इंजीनियरिंग सेवा (आईआरएसई) के 1990 बैच के माध्यम से रेल सेवा में पदार्पण किया। पहली नियुक्ति वर्ष 1991 में पूर्वोत्तर रेलवे में सहायक इंजीनियर के पद पर हुई। इसके पश्चात आपने मंडल इंजीनियर, उप मुख्य इंजीनियर एवं वरिष्ठ मंडल इंजीनियर के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

इसी क्रम में, उन्होंने मुख्य परियोजना प्रबन्धक, डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) मुगलसराय, मुख्य इंजीनियर व निर्माण, पूर्व मध्य रेलवे पटना तथा मुख्य परियोजना प्रबन्धक, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) वाराणसी के पद के दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक किया।

श्री शुक्ल ने विभिन्न प्रमुख निर्माण परियोजनाओं जैसे-नई लाइन एवं दोहरीकरण का सफलतापूर्वक कार्य निष्पादन कराया, जिनमें सोन नदी पर महत्वपूर्ण पुल (स्पैन 90X30.5 मीटर) एवं घाघरा नदी पर महत्वपूर्ण पुल (स्पैन 18X61.0 मीटर) के निर्माण कार्य के साथ ही भटनी-औंड़िहार (125 किमी) के बीच दोहरीकरण की परियोजना सम्मिलित है। आपने हजारीबाग-रांची (50 किमी.) एवं टोरी-बालूमाथ (22 किमी) नई लाइनों तथा डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर के लिये मुगलसराय-सोन नगर (120 किमी) नई लाइन के निर्माण कार्य में योगदान दिया। आपकी देखरेख में नई लाइनों के निर्माण कार्य में भूमि अधिग्रहण से लेकर यातायात संचालन के लिये लाइन खोली गई। इसके अतिरिक्त गढ़वा से सिंगरौली (225 किमी) के मध्य दोहरीकरण के कार्य में भी आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्हें रेल प्रबन्धन में निर्माण एवं रख-रखाव से सम्बन्धित कार्यों का गहन अनुभव प्राप्त है तथा रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

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