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जीवन में खुशहाली को दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर जरूरी

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जीवन में खुशहाली को दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर जरूरी 

- विश्व जनसंख्या दिवस पर महिला अस्पताल में संगोष्ठी आयोजित

- जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का एडी हेल्थ ने किया शुभारम्भ

बस्ती। अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने कहा कि सीमित परिवार से ही परिवार की खुशहाली और तरक्की सम्भव है। इस समय जरूरत इस बात की है कि लोग इस बात के महत्त्व को समझे कि दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर रखे और शादी के बाद कम से कम दो साल बाद ही बच्चें के बारे में सोचें। परिवार नियोजन के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं के प्रति योग्य दम्पति को जागरूक करने के साथ ही उन्हें यह भी बताएं कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं। 

उन्होंने यह बातें विश्व जनसंख्या पखवाड़ा दिवस पर जिला महिला अस्पताल में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कहीं। उन्होंने फीता काट कर मंगलवार से शुरू हो रहे सेवा प्रदायी जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि जिन परिवार में दो बच्चे हो गए हैं, उन्हें बताएं कि उनका परिवार अब पूरा हो चुका है। ऐसे दम्पति को नसबंदी के लिए प्रेरित करें। 

सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि सरकार की मंशा है कि अभियान के दौरान महिला व पुरूष नसबंदी, गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा और प्रसव पश्चात की आईयूसीडी सेवाओं को स्वीकार्य करने के लिए विशेष रूप से योग्य लाभार्थियों को प्रेरित किया जाए। स्वास्थ्य इकाईयों पर स्टॉल लगाकर परिवार नियोजन के विभिन्न गर्भनिरोधक साधनों (बॉस्केट ऑफ च्वाईस) की काउंसिलिंग कर सेवा प्रदान की जाए। 

एसीएमओ आरसीएच डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि इस बार यह पखवाड़ा 24 जुलाई तक चलेगा। स्वास्थ्य इकाईयों पर कैम्प लगाकर नसबंदी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सम्बंधित आशा कार्यकर्ता की सहायता से इसके लिए पंजीकरण कराया जा सकता है। एएनएम सेंटर तक परिवार नियोजन के अस्थायी साधन बास्केट ऑफ च्वाइस मौजूद है। 

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सीएमएस जिला महिला अस्पताल डॉ. पीके श्रीवास्तव ने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि सीमित परिवार के फायदे बताने के साथ ही लोगों को बड़े परिवार से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताएं। उन्हें बताएं कि छोटे परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य सभी कुछ ठीक होता है। देश व समाज की मजबूती के लिए सभी को शिक्षित व स्वस्थ होना जरूरी है। यह सीमित परिवार से ही सम्भव हो सकेगा। 

डीसीपीएम दुर्गेश कुमार मल्ल, फैमिली प्लानिंग मैनेजर प्रदीप कुमार सिंह, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता राजकुमार, धनंजय, तृषा अवस्थी, मीरा शुक्ला, राकेश पांडेय, आलोक राय, नीरज सहित अन्य मौजूद रहे। 

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