RBI New Rules On CIBIL In Hindi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों के कामकाज पर नजर रखता है। RBI ने हाल ही में सिबिल स्कोर के नियमों में कुछ बदलाव किया है। इसके अनुसार रिजर्व बैंक ने CIBIL, एक्सपीरियन और अन्य क्रेडिट जानकारी से जुड़ी कंपनियों के लिए नियमों को और कड़ा कर दिया है। आसान शब्दों में कहें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट स्कोर कंपनियों के लिए सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।
क्रेडिट स्कोर मांगने पर अलर्ट भेजना अनिवार्य
आरबीआई RBI ने नए निर्देश में साफ किया है कि यदि कोई वित्तीय संस्थानों की ओर से ग्राहक का क्रेडिट स्कोर मांगा जाता है तो ग्राहक को अलर्ट भेजना (RBI Cibil Score new rules) अनिवार्य है। इसके लिए कंपनियां ग्राहकों को SMS या ई-मेल के जरिए अलर्ट भेजना सुनिश्चित करना होगा। वहीं, अगर सिबिल से जुड़ी कोई शिकायत है तो उसका निपटारा 30 दिनों के भीतर करना होगा। ऐसा नहीं होने की स्थिति में 100 रुपये रोजाना का जुर्माना लग सकता है।
डिफॉल्ट घोषित करना है पहले अलर्ट भेजना जरूरी
आरबीआई ने कहा है कि अगर कोई ग्राहक डिफाल्ट होने की ओर बढ़ रहा है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट (report to default) करने से पहले जरूरी होगा कि इसकी जानकारी दी जाए। लोन देने वाली संस्थाएं SMS या ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करेंगी। इसके अतिरिक्त बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाओं के लिए अब नोडल अफसर रखना जरूरी किया जा रहा है। यह नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याओं के तय समय के भीतर निस्तारण कराने का काम करेंगे।
26 अप्रैल से लागू हो जाएगा यह नियम
आरबीआई का यह नया नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू हो जाएगा। हालांकि, अप्रैल महीने में ही भारतीय रिजर्व बैंक ने इस नियम को लागू करने की चेतावनी जारी की थी। इसके साथ ही आपको बता दें कि क्रेडिट ब्यूरो में डाटा सुधार न होने का कारण भी अब भी बताना जरूरी होगा। वहीं, क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट (credit bureau website) पर शिकायतों की संख्या को भी बताना होगा। इसके अतिरिक्त वर्ष में एक बार इंडिविजुअल के लिए फ्री क्रेडिट रिपोर्ट (Free Credit Report) भी बताना भी जरूरी होगा।
नए नियम से जुड़ी कुछ और खास बातें
- क्रेडिट स्कोर से जुड़ी शिकायत न निपटने पर रोजाना 100 रुपये का जुर्माना लगेगा।
- शिकायत के 30 दिन बाद निपटारा न होने पर हर्जाना भरने का नियम बनाया गया है।
- शिकायतकर्ता को रोजाना 100 रुपये की दर से हर्जाना (penality on Banks) मिलेगा।
- लोन बांटने वाली संस्था को 21, क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा।
- 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक देगा हर्जाना।
- बैंक की सूचना के 9 दिन बाद ठीक नहीं किया तो क्रेडिट ब्यूरो देगा हर्जाना।
कितना सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है
750-900 के सिबिल स्कोर को सबसे अच्छा माना जाता है। इसके बाद 650-750 की श्रेणी का सिबिल स्कोर को गुड (Good CIBIL Score) यानी अच्छे की श्रेणी में रखा जाता है। 550-650 तक का सिबिल स्कोर औसत श्रेणी में आता है। 300-500 का सिबिल स्कोर को खराब की श्रेणी में रखा गया है। यह बात जान लें कि सिबिल स्कोर जितना अच्छा होगा, उतनी सस्ती दर पर और शीघ्रता से लोन (Instant Loan Without CIBIL) मिल जाएगा। वहीं, सिबिल स्कोर खराब है तो लोन लेने में काफी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
इस तरह होती है सिबिल स्कोर की गणना
सिबिल स्कोर की गणना क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) के आधार पर की जाती है। जिस भी व्यक्ति का सिबिल स्कोर तैयार करना होता है उसकी पिछले तीन साल की क्रेडिट हिस्ट्री देखी जाती है। जिसमें हर तरह के ऋण, क्रेडिट कार्ड (Loan and Credit Card) का खर्च, ओवर ड्राफ्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल आदि शामिल होता है। इसके साथ ही यह भी देखा जाता है आपने क्रेडिट से खर्च कैसे किया और किस्त का भुगतान कैसे किया है।
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