UP First Glass Skywalk Bridge: उत्तर प्रदेश में पर्यटन के लिहाज से कई विश्वविख्यात पौराणिक स्थल है। लेकिन, आज जिस की बात करने जा रहे हैं वह दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में ही है, वहीं भारत में यह गौरव उत्तर प्रदेश को मिला है। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के पहले शीशे के पुल की, यह पुल चित्रकूट में बना है। आने वाले समय में चित्रकूट पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक ग्लास स्काई वॉक ब्रिज का लुत्फ उठा पाएंगे। इस कांच के ब्रिज की ऊंचाई सैंकड़ों फीट है। जिससे वाटर फाल और जंगल के वादियों के खूबसूरत नजारे को निहारा जा सकता है।
पर्यटकों को खूब लुभाते है शीशे के पुल, आप कीजिए दीदार
UP First Glass Skywalk Bridge: विश्व के ब्रिटेन, चीन, अमेरिका, फ्रांस समेत कई देशों में शीशे के पुल लोगों को अपनी आकर्षित करते हैं। यह मानव निर्मित पुल अपने खूबसूरत नजारे के लिए जाना जाता है। इन्हें निखाहरने के लिए हर साल इन पुलों पर लाखों लोग आते हैं। अब इसका आनंद उत्तर प्रदेश में भी उठाया जा सकता है। ग्लास ब्रिज कांच से बना एक प्रकार पुल होता है, जो पैदल यात्रियों के लिए होता है।
पैरों के नीचे दिखता प्रकृति का अद्भुत नजारा
उत्तर प्रदेश में पहला ग्लास ब्रिज बनकर लगभग तैयार हो गया है। इस पुल का बेस यानी आधार पारदर्शी शीशे का बना है। कांच के फर्श से पुल पर आने वाले पर्यटकों को सैंकड़ों फीट की ऊंचाई से पैरों के नीचे की प्राकृतिक छटा का अनोखा नजारा देखने को मिलेगा। यही वजह है कि भारत में भी ग्लास ब्रिज (शीशे का पुल) का क्रेज बढ़ने लगा है।
तुलसी (शबरी) जल प्रपात पर बना है शीशे का पुल
उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वॉक ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जल प्रपात में बनकर तैयार हो चुका है। भगवान राम के धनुष और बाण के आकार में यह ग्लास ब्रिज कोदंड वन स्थित जल प्रपात पर बनाया गया है। यूपी के इस पहले ग्लास ब्रिज का 95 फीसदी काम पूरा हो गया है। लोकसभा चुनाव के बाद इस पुल का उद्घाटन हो सकता है।
18 महीने में बनकर तैयार हो गया है पुल
उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज चित्रकूट में बना है। करीब 18 महीने में यह ग्लास ब्रिज बनकर तैयार होने वाला है। पुल की खास बात यह है कि इसमें खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है। वहीं, दोनों पिलर के बीचोबीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर रखी गई है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम बताई जा रही है। बता दें कि, इस तरह के ग्लास ब्रिज के पैनल आम तौर पर लेमिनेटेड ग्लास से बनाए जाते हैं। जिसमें बीच में एक ट्रांसपेरेंट इंटरलेयर के साथ कांच की दो या दो से अधिक परतें होती हैं।
बिहार के राजगीर में बने पुल की तर्ज पर बना है ग्लास ब्रिज
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में ग्लास ब्रिज को बनाने में करीब 3 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत आई है। इस पुल को बिहार के राजगीर में बने स्काई वॉक ग्लास ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है। इस ग्लास स्काई वाक ब्रिज से पर्यटक जमीन से सैंकड़ों फीट की ऊंचाई से वाटर फॉल की सुंदरता को निहार पाएंगे। यह ग्लास ब्रिज मध्य प्रदेश के सतना जिले के बॉर्डर पर स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व के बीच टिकरिया, बम्भिया जंगल पर बना है। ऐसे में यहां जलप्रपात के साथ-साथ जंगल की दुनिया का सुंदर नजारा भी देखने को मिलेगा।
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