Up News: विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर माध्यमिक शिक्षक गिरफ्तार
👉विधानसभा के सामने सड़क जामकर घंटों किया प्रदर्शन
👉तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली की मांग पर अड़े शिक्षक नेता
👉गिरफ्तार शिक्षक नेता व समर्थक ईको गार्डन से शाम 5 बजे रिहा किए गए
लखनऊ (यूपी)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में शुक्रवार को विधानसभा का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षक संघ के क्रांतिकारी नेताओं व पुलिस के मध्य तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा जाने पर आमादा शिक्षक नेताओं को धक्का मुक्की के दौरान चोटें भी आईं। शिक्षक रॉयल होटल के सामने सड़क पर धरने बैठे रहे। प्रदर्शन कर रहे हजारों शिक्षकों को गिरफ्तार कर बसों में भरकर ईको गार्डन ले जाया गया। धरने का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायन सिंह व संचालन महामंत्री रामबाबू शास्त्री ने किया। विधानसभा सत्र को छोड़कर राज बहादुर सिंह चंदेल भी धरने में सम्मिलित हुए और गिरफ्तारी दी। गिरफ्तार शिक्षकों को ईको गार्डन में रिहा कर दिया गया।
मांग पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के परिवार आर्थिक विपन्नता एवं भुखमरी के शिकार हो रहे है। उनकी सेवा समाप्ति पर पुर्नविचार करते हुए विनियमित किया जाए तथा उनका रोका हुआ वेतन तत्काल निर्गत किया जाए। शासन के आदेश दिनांक 09 नवम्बर 2023 को वापस लिया जाए। पुरानी पेंशन (ओपीएस) बहाल की जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एनपीएस की अधिसूचना 28 मार्च 2005 को जारी की गई थी। अतः केन्द्र के निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार भी 28 मार्च 2005 से पूर्व के विज्ञापनों द्वारा नियुक्त शिक्षक व कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ दें तथा प्रदेश के सभी जनपदों के एनपीएस खातो की जांच कराई जाए। यदि शिक्षकों एवं कर्मचारियों की धनराशि अन्य कहीं निवेशित की गई है तो दोषियों को तत्काल दण्डित किया जाए। भविष्य में पूर्ण रूपेण इसे सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाए।
मांग पत्र में यह भी कहा कि तदर्थ शिक्षकों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। विषय विषेशज्ञों की नियुक्ति का विज्ञापन 2002 के पूर्व का है। अतः इनकी भी सूचना प्राप्त कर इन्हें ओपीएस में लिया जाए। विद्यालय लेजर तथा प्रत्येक शिक्षक व कर्मचारी की एनपीएस पुस्तिका पूरित कराकर सत्यापन तत्काल कराया जाए। प्रमाणित कर शिक्षक व कर्मचारी को उपलब्ध कराया जाए। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 की सेवा शर्त में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धाराएं (उप्र माध्यमिक शिक्षा के 1921 के अधिनियम तथा माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड आयोग नियमावली 1981 एंव संशोधित नियमावली 1998 ) पूर्व की भांति यथावत रखी जाए।
इस दौरान लवकुश मिश्रा, नरसिंह बहादुर सिंह, संजय द्विवेदी, संत सेवक सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अरविंद, सुधाकर सिंह, प्रमोद सिंह, डा.अजय कुमार सिंह, डा.राजेश कुमार पांडेय, संत सेवक सिंह, संत सेवक सिंह, रणजीत सिंह, रविंद्र प्रताप सिंह, राजेश चंद चौधरी, राम प्रताप सिंह, दिवाकर गुप्ता जितेंद्र सिंह,विवेक सिंह, प्रदीप सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, शैलेश सिंह, राकेश सिंह, रामानंद द्विवेदी, प्रवेश शाक्य, यादवेंद्र सिंह परिहार, महिपाल सिंह, ज्योतिष पांडेय, रंजीत सिंह, श्री नारायन मिश्रा, सत्येंद्र शुक्ला, सोमदेव सिंह, सचिन कुमार, विमलेंद्र शर्मा, बांके सिंह, देवेंद्र सिंह, अनिल पाठक, प्रवेश प्रजापति, सुलेखा जैन, ज्योतिष पांडेय, अशोक चौरसिया, रणजीत सिंह, रविंद्र प्रताप सिंह, राजेश चंद चौधरी, राम प्रताप सिंह, दिवाकर गुप्ता जितेंद्र सिंह,विवेक सिंह, प्रदीप सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, धनंजय सिंह, दिनेश सिंह, विनय कुमार सिंह, राजेश सिंह सहित हजारों लोग मौजूद रहे।
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